Sunday, March 14, 2010

इंतज़ार

मैं उनके फ़ोन को इंतज़ार करता रहा
वो मेरे फ़ोन का इंतज़ार करते रहे
हम दोनों एक दुसरे के फ़ोन का इंतज़ार करते रहे
इंतज़ार करते करते इंतज़ार इंतज़ार होगया
न मैं फ़ोन किया न उन ने फ़ोन किया
और धीरे धीरे इंतज़ार बढता ही गया
इंतज़ार इतना बडगया की
आपस की दूरिया भी बढती ही चली गयी
वो हमसे दूर हो गए हम उनसे दूर हो गए
अब तो सिर्फ यादें ही इंतज़ार बनके रहे गयी
इंतज़ार को इंतज़ार न बने दो दोस्त
नहीं तो कल को यही इंतजार

इंतजार बन के दिल को रुलाता रहेज़ेगा

No comments:

Post a Comment