Tuesday, March 16, 2010

हवाई जहाज़ का सफ़र

हवाई जहाज़ का सफ़र एक महंगा सफ़र
कहते है हवाई सफ़र सस्ता हो गया
पर फिर भी प्लेन खाली रहते है
आम आदमी तो अभी भी प्लेन में
जाने को सोच भी नहीं सकता

प्लेन में उद्गोशाना होती है की
अपने मोबाइल बंद कर दो
पर देखो लोग अभी भी फ़ोन पर बात कर रहें है
एसा लगता है की मोबाइल में इनकी जान अटकी हुई है

यह कैसी विडम्बना है की प्लेन की उतारते ही मोबाइल चालू हो जाते है
उदघोशना होती रहती है मोबाइल बंद रखने की
पर यह पैसे वाले मुसाफिरो को तो अपने बातो से कांह फुस्र्सत
और यहकैसा मजाक मोबाइल पर यह कहते है की
मैं आगया
जैसे की १० मिनट बाद यही बात नहीं कही जा सकती

और भी तमाशा देखो, प्लेन की नीच उतरते ही,
यह सब पैसेवाले यह मुसाफिर अपने अपने सामान के साथ
ऐसे उतरने की जल्दी करते है की
जैसे की प्लेन नहीं मुंबई की लोकल हो
क्या बोले इन पैसेवालों को
काश पैसे की साथ साथ इनको भगवान् इंतज़ार करना भी सिखा देता
काश इंतज़ार करने का सबक भी पैसे से मिल जाता
तो कितना अच्छा होता ..........

2 comments:

  1. Bilkul sach kaha aapne...lagta hai,mobile ke bina inka saans lena mushkil hai....aur utarne kee jaldi to..uff!

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  2. आपने बिल्कुल सही फ़रमाया है! सुन्दर प्रस्तुती!

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