Sunday, March 21, 2010

कंहा गएँ सितारे मेरे शहर से

शहर से दूर
एक रात बिताइ गांवं में
सितारों से भरा था आकाश
जगमग जगमग कर रहे थे
तारे आकाश में

क्यों यह शहrओं में नहीं दिखातें
मैंने पूछा तारों से

एक तारा बोला
हम तो शहर में भी दिखाते
पर आपने शहर को इतना गन्दा किया की
वहां आने का मन नहीं करता
गली गली में कचरा है
हवाओं में धूआ ही धूआ
दम लेने को भी हवा नहीं
अब आप ही बातें हम शहर में क्यों आय .......
अब समझा की कंहा गएँ सितारे मेरे शहर से

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