जीवन से भरी तेरी ऑंखें
मजबूर करे जीने के लिए जीने के लिए
सागर भी तरसते रहते है
तेरा रूप का रस पिने की लिए पिने की लिए
जीवन से भरी ......
तस्वीर बनाये क्या कोई
क्या कोई लिखे तुझे पे कविता
रंगों छंदों में समाइय्गी
किस तरह से इतनी सुन्दरता सुन्दरता
एक धड़कन है तू दिल के लिए
एक जान है तू जीने के लिए जीने के लिए
जीवन से भरी .......
मधुबन की सुन्गंद है सासों में
बांहों में केवल की कोमलता
किरणों का तेज है चहरे पे
हिरनों सी है तुज में चंचलता चंचलता
आँचल का तेरे एक तार बहुत
कोई चाक जिगर सीने के लिए सीने के लिए
जीवन से भरी .........................
Monday, March 15, 2010
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बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई !
ReplyDeleteयह एक हिंदी फिल्म का गान है जो मुझे बहुत ही प्यारा लगता है
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